नयी दिल्ली । राज्य सभा में सदन के नेता और वाणिज्य एवं उद्योग तथा खाद्य, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने शुक...
नयी दिल्ली । राज्य सभा में सदन के नेता और वाणिज्य एवं उद्योग तथा खाद्य, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रश्नकाल का उपयोग सरकार पर निरोधार आरोप लगाने की शिकायत की और पीठ से इस प्रवृत्ति के विरुद्ध कोई व्यवस्था दिए जाने का अनुरोध किया। सदन में उपस्थित रेल मंत्री अश्विनी वैषणव ने भी श्री गोयल द्वारा सदन में उठाए गए इस मुद्दे और उनके सुझाव का समर्थन किया। श्री गोयल ने प्रश्नकाल के दौरान खाद्य, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से संबंधित अनुपूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की कि कुछ सदस्य ‘प्रश्न की आड़ में आरोप लगाते हैं।” उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि निराधार सवाल दाग कर सरकार पर आरोप लगाने का यह तरीका ठीक नहीं है। इस प्रवृत्ति के विरुद्ध कुछ व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। इससे पहले उनसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केंद्र द्वारा जारी अनाज को कुछ राज्यों द्वारा अस्वीकार किए जाने के बारे में सवाल किया गया है। श्री गोयल ने इस तरह की घटना से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा, ‘एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) की ओर से राज्यों को जारी अनाज की किसी खेप को लौटाए जाने का एक भी मामला नहीं आया है।’ श्री गोयल ने वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) में 135 देशों के मध्या भारत के 111वें स्थान के बारे में पूछे गए एक अन्य अनुपूरक प्रश्न के जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार वैश्विक भूख सूचकांक के मामनों को खारिज कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली पश्चिम की जऐंसी ‘ स्टंटिंग’ (शरीर का कम विकास) जैसे कुछ ऐसे मानक अपनाती है जो पश्चिमी देशों के लिए तो उपयुक्त हो सकती है पर भारत की जननांकीय विशिष्टताओं से मेल नहीं खातीं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त खाद्य वितरण कार्यक्रम का भी जिक्र किया जिसमें 81.35 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त अनाज पर पूरी राज्य सहायता केंद्र देता है। इसी दौरान सभापति धनखड़ ने विनोद-भाव से कहा, “भारत में सत्ता की भूख का सूचकांक सबसे ऊंचा है।” श्री गोयल ने एक सदस्य द्वारा देश में 20 करोड़ लोगों के कुपोषित होने की किसी रिपोर्ट का उल्लेख किए जाने और इससे निपटने के लिए पीडीएस के जरिए दाल आदि के वितरण का सुझाव दिए जाने पर कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि आजादी के बाद 50 साल से अधिक समय तक सरकार में रहने वाली पार्टी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि देश में ऐसी स्थिति क्यों बनी। उन्होंने कहा कि आज, “भारत सरकार दुनिया का संभवत: सबसे बड़ा मुफ्त खाद्य आपूर्ति कार्यक्रम चला रही है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सरकार के कार्यकाल की एक निश्चित अवधि में 13 करोड़ लोग गरीबी के गर्त से ऊपर आए हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्ष में भारत में भूखमरी की शिकायत नहीं आयी है।
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