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आनंदीबेन ने ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम से जुड़ने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं का आह्वान किया

  लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को यहां राजभवन के बड़े लॉन में स्वयं सेवी संस्था ‘उम्मीद’ द्वारा भिक्षावृत्ति छो...

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को यहां राजभवन के बड़े लॉन में स्वयं सेवी संस्था ‘उम्मीद’ द्वारा भिक्षावृत्ति छोड़ चुके 500 बच्चों के प्रोत्साहन के लिए आयोजित ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय खेल महोत्सव का शुभारम्भ किया और इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं का आह्वान किया। श्रीमती आनंदीबेन ने समस्त स्वयं सेवी संस्थाओं, कम्पनियों का आह्वान किया कि वे भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को इस पेशे से विमुक्त करने तथा उन्हें शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए आगे आएं। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने कुलाधिपति होने के नाते विश्वविद्यालयों को भी इस कार्य में सहयोग करने के लिए कहा है। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आज राजभवन छोटे बच्चों की किलकारियों से गूंज रहा है। मुझे यहां छोटे-छोटे बच्चों का उत्साह एवं आत्मविश्वास देखने को मिला। उन्होंने कहा कि जीवन में खेल बहुत महत्वपूर्ण है। आज हम खेलना भूल गये हैं अब सिर्फ सर्टिफिकेट प्राप्त करना ही पढ़ाई का उद्देश्य रह गया है। इसलिए खेल के प्रति बच्चों में उत्साह और जागरूकता पैदा करने के लिए इस प्रकार के परंपरागत खेलों का आयोजन आवश्यक हैं। श्रीमती आनंदीबेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘खेलो इण्डिया’ का शुभारम्भ किया। इसका लाभ हमारे बच्चों को मिल रहा है। सरकारें खेलों पर करोड़ो रुपया खर्च कर रही हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हमारे बच्चे होनहार होने के साथ-साथ सशक्त हो। उन्होंने कहा कि आज आब-ओ-हवा खराब हो रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है। इसलिए हमें अपने आने वाले भविष्य के उज्जवल जीवन के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे। आज जो प्रतियोगिताएं यहां चल रही हैं। ऐसे कार्यक्रम चलते रहने चाहिए।  कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सड़कों पर भिक्षा मांगने वाले बच्चों को सड़क से हटाकर उन्हें संबल प्रदान करना, संरक्षण देना तथा शिक्षा से जोड़ना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सरकार तथा समाज का दायित्व है कि वे उनके अभिभावकों को भी जागरूक करें ताकि भविष्य में वे अपने बच्चों से भिक्षावृत्ति न कराते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े। इस अवसर स्वयं सेवी संस्था उम्मीद के संस्थापक सचिव बलवीर मान सिंह ने बताया कि यह खेल प्रतियोगिता भिक्षावृत्ति से मुक्त कराये गये मात्र 60 बच्चों से शुरू की गयी थी, जो आज लगभग 500 बच्चों तक पहुंच गयी है। आज की इस प्रतियोगिता में 3.5 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की आयु वर्ग तक के बच्चे विभिन्न खेलों में प्रतिभाग कर रहे हैं तथा खेल महोत्सव में जिन खेलों को शामिल किया गया है। उसमें 3.5 वर्ष से 8 वर्ष तक के बच्चों के लिये बोरा रेस, गुब्बारा रेस, बास्केट बॉल फेंकना, एक स्थान पर खड़े होकर लंबी कूद, 60 मीटर की दौड़, चम्मच रेस, स्माइली गेंद फेंकना, जोड़े में बास्केट बॉल के साथ दौड़ना, गुब्बारे इकट्ठा कर टब में रखना, रिले दौड़ जैसे खेल शामिल हैं जबकि 9 वर्ष से 16 वर्ष तक के आयु वर्ग के लिए 100 मीटर की दौड, कबड्डी, रस्सा कस्सी, 20 मीटर मेढक कूद तथा एक स्थान पर खड़े होकर लंबी कूद जैसे खेल शामिल किये गये हैं। श्री सिंह ने बताया कि भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के चिन्हीकरण तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़े जाने हेतु विभिन्न कम्पनियों यथा हेड फाउंडेशन, वोडाफोन, मिन कोल, मैक्स इंफ्रा, ओइकोश्रीम, फॉक टेल्स, क्राइस्ट चर्च कालेज, लखनऊ, ईगल इण्डिया, सावरिया इवेंट आर्गनाइजेशन आदि कम्पनियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ भी इस कार्य में सहयोग कर रहा है। इस अवसर पर लखनऊ की मेयर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डा. सुधीर एम. बोबडे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, स्वयं सेवी संस्था के पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित थे।

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