रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकार ने इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 130 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। खरीदी के लिए एक नवंबर से 31 जनवरी त...
रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकार ने इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 130 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। खरीदी के लिए एक नवंबर से 31 जनवरी तक की समय सीमा तय की गई है, लेकिन अब तक लक्ष्य का आधा भी पूरा नहीं हुआ है। प्रदेश में 26 दिसंबर की दोपहर 12 बजे तक 38.37 प्रतशित धान की खरीदी हो चुकी थी। प्रदेश में धान खरीदी की धीमी गति ने किसानों के साथ ही सरकार की चिंता बढ़ा दी है। पर्याप्त धान की खरीदी नहीं होने पर केंद्र सरकार को राज्य सरकार चावल की आपूर्ति नहीं कर पाएगी। हालांकि, सरकार ने जरूरत पड़ने पर समर्थन मूल्य में धान खरीदी की अवधि बढ़ाने की बात कही है। प्रदेश में अब तक 10 लाख 78 हजार 719 किसानों ने 49 लाख टन से ज्यादा धान बेचा है, जो लक्ष्य का 38.37 प्रतशित है। इसके विपरीत पिछले सीजन की स्थिति पर गौर करें तो 69.37 प्रतिशत धान की खरीदी हुई थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा धान की खरीदी खैरागढ़-छुुईखदान-गंडई जिले में 53.48, राजनांदगांव में 50.96, धमतरी में 50.92 तथा बेमेतरा में 49.75 प्रतशित धान की खरीदी हुई है। वहीं, सबसे कम दंतेवाड़ा जिले में 6.33, बीजापुर में 15.57, सुकमा में 19.69 और सूरजपुर में 20.26 प्रतिशत धान खरीदी हुई है। विधानसभा चुनाव और धान को लेकर राजनीतिक दलों की घोषणा के कारण धान खरीदी की रफ्तार धीमी थी। चुनाव परिणाम आने और नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी ने रफ्तार पकड़ी है। प्रदेश में इस बार कुल 26 लाख 87 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों का रकबा 32.93 लाख हेक्टेयर है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी करने की घोषणा की है। सरकार गठन के बाद किसानों को इसके आदेश का इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ पूर्व में धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा। प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में किसानों का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया जा रहा है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव भी जारी है। मिलर्स की ओर से 31 लाख 12 हजार टन से ज्यादा धान का उठाव किया जा चुका है, जो कुल खरीदी का 66 प्रतिशत है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण सचिव टोपेश्वर वर्मा ने कहा, किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी खरीदी केंद्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। शासन के निर्देशानुसार धान की खरीदी हो रही है। धान का उठाव और किसानों का भगुतान भी हो रहा है।
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