नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि देश में नैनो यूरिया के नौ संयंत्र काम कर रहे हैं और वर्ष 2025 तक 13 संयंत्र काम करना शुरू कर...
नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि देश में नैनो यूरिया के नौ संयंत्र काम कर रहे हैं और वर्ष 2025 तक 13 संयंत्र काम करना शुरू कर देंगे जिनकी क्षमता नैनो यूरिया की 44 करोड़ बोतल उत्पादन करने की होगी। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि देश में उर्वरक उत्पादन 285 लाख टन तक पहुंच गया है और इसे निरंतर बढाया जा रहा है जिससे कि इस क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश में उर्वरक की जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय यूरिया नीति के तहत सभी संयंत्रों में उत्पादन क्षमता बढायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी चीन सहित कुछ देशों से करीब 200 लाख टन यूरिया का आयात किया जाता है। इसके लिए सभी से निविदा मंगायी जाती हैं और पारदर्शी तरीके से खरीद की जाती है। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री इराना कड़ाड़ी ने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर बोतल पर 2400 रूपये की लागत आती है और सरकार इस पर करीब 2150 रूपये की सब्सीडी देकर यह बोतल किसानों को 260 रूपये में उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि यह 500 मिलीलीटर की बाेतल एक बोरी उर्वरक का काम करती है। उन्होंने कहा कि किसानों को ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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