जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर की शिक्षित महिला शशि गुप्ता एमडी डाक्टर की पत्नी हैं। उन्होंने आठ साल पहले अपनी प्रिय बहन को कैंसर क...
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर की शिक्षित महिला शशि गुप्ता एमडी
डाक्टर की पत्नी हैं। उन्होंने आठ साल पहले अपनी प्रिय बहन को कैंसर के
चलते खो दिया। इसके बाद वे काफी नर्वस हुईं। उस दौर में कैंसर को असाध्य
रोग माना जाता था। बहन के बिछोह की पीड़ा ने शशि को कैंसर से लड़ने की
प्रेरणा दी। छह साल पहले उन्होंने अपने डाक्टर पति व कुछ सहेलियों के साथ
मिलकर सुषमा विंग्स की स्थापना की। संस्थान द्वारा अब तक आठ कैंसर के
मरीजों को आरंभिक उपचार करवाकर जीवनदान दिया जा चुका है। संस्थान बिना
सरकारी अनुदान के मेडिकल कैंप, मरीजों के उपचार में मदद तथा हायर सेंटर
भेजने में अहम भूमिका निभा रही है। टीम में वर्तमान में नगर की 80 महिलाएं
सक्रिय हैं। संस्थान की अध्यक्ष शशि गुप्ता ने बताया कि कैंसर को लेकर
आमतौर पर लोगों में एक भय और भ्रम व्याप्त है। अब भी पढ़े-लिखे लोगों में
भी इसके प्रति पर्याप्त जागरूकता नहीं है। कैंसर की पहचान यदि आरंभिक
अवस्था में हो जाए तो काफी आसानी से इसका उपचार संभव है। सुषमा विंग्स ने
संभाग के विभिन्न जिलों में अब तक 100 से अधिक निश्शुल्क मेडिकल कैंप लगाए
हैं। इस दौरान अधिकतर लोग इसके लक्षण के प्रति लापरवाह दिखे। शिविर में
संगठन की सदस्याएं स्थानीय जिला अस्पताल के कैंसर विभाग प्रमुख डा. भवंर
शर्मा, डा. प्रदीप पांडेय व मेकाज के चिकित्सकों का सहयोग लेती हैं। लोगों
को कैंसर के आरंभिक लक्षण, आवश्यक जांच व उपचार की प्रक्रिया की जानकारी दी
जाती है। अब तक आठ लोगों का सफलतापूर्वक उपचार करवाया गया है और वे
पूर्णत: स्वस्थ हो चुके हैं। आमतौर पर मुंह व गले का कैंसर समेत महिलाओं
में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक सामने आते हैं। संस्थान ऐसे मरीजों को
महारानी अस्पताल में शुरुआती चरण में कीमो थेरेपी करवाते है। इसके बाद
रायपुर के उच्च केंद्र भेजा जाता है। इलाज में भी संस्थान मदद करती हैं।
सुषमा विंग्स पूरी तरह गैर सरकारी संगठन है। इनके द्वारा शासन किसी प्रकार
की मदद की मांग नहीं की जाती। शिविर या अन्य गतिविधियों में होने वाला खर्च
सदस्याएं आपस में एकत्र करती हैं। यह है टीम सुषमा विंग्स: संरक्षक डा.
प्रदीप पांडेय, अध्यक्ष शशि गुप्ता, सचिव सुनीता बोथरा, कोषाध्यक्ष सोनल
बतरा आदि हैं।
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