लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये पेश किया गया बजट प्रदेश के समग्र और सं...
लखनऊ
। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये पेश किया गया बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित
विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया
जाएगा। विधानसभा में बजट प्रस्तावों को पेश किये जाने के बाद आयोजित
संवाददाता सम्मेलन में श्री योगी ने बजट को भगवान श्रीराम को समर्पित करते
हुये कहा कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं और इस बजट के आदि, मध्य
और अंत में श्रीरामलला ही हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश के इतिहास में अब तक
सबसे बड़ा बजट उत्सव, उद्योग और उम्मीद से भरे नये यूपी की तस्वीर प्रस्तुत
करता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना को पांचवीं
बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी और कहा कि उनकी सरकार का इस आठवें
बजट का आकार सात लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये का है। आस्था,
अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित इस बजट में 2023-24 की तुलना में 6.7
प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोतरी प्रदेश
की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता,
प्रधानमंत्री के विजन सबका साथ सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास पर
आधारित है। उन्होने कहा कि पहली बार दो लाख तीन हजार 782 करोड़ 38 लाख
रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया गया है जो इस बात को द्योतक
है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो ना केवल रोजगार का सृजन होगा
बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां
प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़
रुपए यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। साथ ही प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना
करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। श्री योगी ने कहा कि आज यूपी देश
की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। ऐसा इसलिए संभव हो सका
है क्योंकि सरकार ने ना केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि रेवेन्यु लिकेज को
समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों
ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। यही कारण है कि यूपी आज एक रेवेन्यू
सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई
है। इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ
बढ़ाया गया, यही नहीं इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर
संचालित किये गये। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व
बैंक के द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर
प्रदेश का राजकोषीय घाटा (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि
सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय
अनुशासन का भी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को
नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में
बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के
नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट
को पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी
योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है।
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