भोपाल । एक उपभोक्ता ने करीब 45 हजार रुपये में वाटरप्रूफ मोबाइल खरीदा, लेकिन जब मोबाइल पानी में गिरने से खराब हो गया तो उसने कंपनी में शि...
भोपाल
। एक उपभोक्ता ने करीब 45 हजार रुपये में वाटरप्रूफ मोबाइल खरीदा, लेकिन
जब मोबाइल पानी में गिरने से खराब हो गया तो उसने कंपनी में शिकायत की।
कंपनी मोबाइल बेचने से पहले बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जब मोबाइल पानी
में गिरा तो कंपनी ने ना तो उसे रिपेयर किया और ना ही वापस राशि दी। ऐसे ही
एक मामले में जिला उपभोक्ता आयोग की बेंच-1 ने निर्णय सुनाया है। आयोग के
अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य डा. प्रतिभा पांडे ने सोनी इंडिया
प्राइवेट लिमिटेड और सोनी सर्विस सेंटर को मोबाइल में पानी जाने की स्थिति
में जिम्मेदार ठहराया है और इसे ठीक नहीं करने को अनुचित व्यापारिक आचरण भी
बताया साथ ही मोबाइल की कीमत ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है। आयोग ने
अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मोबाइल की कीमत 44,990 की नौ प्रतिशत ब्याज
के साथ लौटानी होगी। इसके अलावा 10 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच
हजार रुपये वाद व्यय के देने होंगे। इसके अलावा दो महीने तक राशि नहीं
लौटाने की स्थिति में नौ प्रतिशत ब्याज सहित देना होगा। मामले में उपभोक्ता
ने 2015 में याचिका लगाई थी।अब जाकर इस मामले में आयोग ने निर्णय सुनाया
है।
यह है मामला
दरअसल स्थित
अरेरा कालोनी में रहने वाले संयम कुमार ने सोनी कंपनी का मोबाइल एक फरवरी
2015 को खरीदा था। इस मोबाइल के बारे में दुकानदार ने बताया था कि यह वाटर
प्रूफ है और पानी में गिरने के बाद भी खराब नहीं होगा। एक वर्ष की वारंटी
अवधि में एक अगस्त 2015 को पानी में गिरने से मोबाइल फोन बंद हो गया। जिसे
10 नंबर स्थित दुकान पर दिखाया गया। वहां साफ्टवेयर की समस्या बताकर कंपनी
के सर्विस सेंटर भेज दिया गया। सर्विस सेंटर पर चेक करने के बाद पर मोबाइल
को ओल्ड, डैमेज, वाटर लाग्ड होना बताया गया। साथ ही 14,184 रुपये सुधारने
और 350 रुपये सर्विस चार्जेस सहित 16,569 रुपये का खर्चा बता दिया। इस पर
उपभोक्ता ने बताया कि मुझे वाटर प्रूफ मोबाइल बताकर बेचा गया था, इसलिए
मोबाइल निश्शुल्क सुधारा जाना चाहिए या बदलकर नया मोबाइल दें, लेकिन,
सर्विस सेंटर ने न तो सुधारा, न बदलकर दिया। इसके बार उपभोक्ता ने जिला
उपभोक्ता आयोग में शिकायत की।
विज्ञापन में यह बताया गया था
आयोग
ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा के उपभोक्ता को दिए गए बिल में
मोबाइल वाटरप्रूफ और डस्ट रेजिस्टेंस होना बताया गया है। इससे स्पष्ट है कि
मोबाइल वाटरप्रूफ था। विवरण में यह भी स्पष्ट है कि मोबाइल से पानी में
तैरते हुए भी फोटो ली जा सकती है, जबकि कंपनी सर्विस सेंटर के अनुसार उक्त
मोबाइल पानी में उपभोक्ता की उपेक्षा के कारण गया था। कंपनी के विज्ञापन से
ही स्पष्ट है कि मोबाइल वाटरप्रूफ था। जिसकी शर्तों के मुताबिक ग्राहक ने
30 मिनट से अधिक समय तक मोबाइल को पानी में रखा हो, ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध
नहीं है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि, वारंटी अवधि में ग्राहक को वाटरप्रूफ
होना बताकर विक्रय किया गया, लेकिन मोबाइल पानी से खराब हुआ था। जिसे
सुधारने से सर्विस सेंटर ने इंकार किया है। आयोग ने कहा कि वाटरप्रूफ
मोबाइल बताकर बिना वाटरप्रूफ मोबाइल विक्रय किया गया और सर्विस सेंटर ने
मोबाइल सुधारा नहीं। यह सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापारिक आचरण प्रमाणित
होता है।
No comments