रायपुर। प्रदेशभर से 33 माह में 48,675 लोग लापता हुए हैं। हालांकि, पुलिस ने इसमें से 37,813 को पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन 10,862 ल...
रायपुर।
प्रदेशभर से 33 माह में 48,675 लोग लापता हुए हैं। हालांकि, पुलिस ने
इसमें से 37,813 को पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन 10,862 लोग अब तक
लापता हैं। यहां कहां और किस हालत में हैं, इसकी जानकारी न तो पुलिस को है
और न ही स्वजन को। स्वजन अब तक इनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं। स्वजन की
मानें तो उन्होंने अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर ली, लेकिन उनके घर से लापता
हुए लोगों के बारे में कुछ भी नहीं पता चला। पुलिस भी इनकी तलाश में जुटी
है। विभागीय अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से
31 दिसंबर 2023 के बीच रायपुर से 7,337 लोग लापता हुए हैं। इनमें से 5,602
लोगों को पुलिस ने बरामद कर लिया, लेकिन 1,735 लोगों का पता नहीं लगा पाए
हैं। इसी तरह बिलासपुर पुलिस के अधिकारी भी अब तक 1,397 और दुर्ग पुलिस ने
1,212 लोगों का पता नहीं लगा पाई है। रायपुर पुलिस लापता लोगों का पता
लगाने में सबसे पीछे है। रेल रायपुर ने लापता 65 में से 58 लोगों को तलाशा
है। लापता लोगों का पता लगाने में रेल रायपुर, मोहला मानपुर, कोरिया,
जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में पदस्थ पुलिस अधिकारियों ने
अच्छा काम किया है। इन जिलों में लापता लोगों का आंकड़ा अन्य जिलों की
अपेक्षा बेहद कम है। लोगों के लापता होने का सबसे बड़ा कारण घरवालों से
नाराजगी होती है। हालांकि, ऐसे ज्यादातर मामलों में व्यक्ति कुछ दिन बाद घर
लौट आते हैं। मानव तस्करी की भी आशंका बनी रहती है। नाबालिगों के गायब
होने के मामलों में प्रेम-प्रसंग की संभावना रहती है। घरवालों के विरोध के
डर से नाबालिग घर छोड़कर चले जाते हैं। महिला या किसी अन्य के लापता होने
पर पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर हर तरीके से उनकी तलाश करती है।
पुलिस नजदीकी रिश्तेदारों और दोस्तों का स्वजन से पता और मोबाइल नंबर लेकर
जानकारी लेती है।
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