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भाजपा सरकार के संरक्षण के कारण रेत के दाम तीन गुना हो गये है

    पूरे प्रदेश रेत की कमी से जूझ रहा, 8000 रू की रेत 25000 रू ट्रक में बिक रही है भाजपाई सत्ताधीशो में रेत खदानों को लेकर माफिया वार रायपुर...

  

पूरे प्रदेश रेत की कमी से जूझ रहा, 8000 रू की रेत 25000 रू ट्रक में बिक रही है
भाजपाई सत्ताधीशो में रेत खदानों को लेकर माफिया वार

रायपुर । प्रदेश में रेत का कृतिम संकट पैदा कर दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार के सरंक्षण के रेत तीन गुने दाम पर बिक रही है, जो रेत दो महीने पहले 8 से 9 हजार रू ट्रक में बिक रही है। वह भाजपा की सरकार आने के बाद 24 से 25 हजार रू तक में बिक रही है। प्रदेश भर में भाजपाईयों के रेत खदान हथियाने के लिये माफियावार चल रहा है। सरकार के संरक्षण के कारण इस बंदरबाट का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने ठोस पॉलिसी बनाई थी, खनिज विकास निगम की निगरानी में प्रदेश के सभी 450 रेत खदानों में पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था बनाई थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय रेत खदानों में लोडिंग चार्ज अधिकतम 450 रूपए था, जो अब भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के चलते हैं 2000, 3000 और 5000 तक वसूले जा रहे हैं, जिस पर शायद सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है या अघोषित रूप से संरक्षण है? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध माइनिंग का कारोबार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा है। खनन माफिया भारतीय जनता पार्टी के सरकार में इतने बेफिक्र हो गए हैं की खुलेआम माइनिंग अधिकारियों कर्मचारीयों की पिटाई कर रहे हैं। लगभग 2 हफ्ते पहले गरियाबंद में खनिज इंस्पेक्टर सहित अनेकों कर्मचारीयों की पिटाई के बाद अब रायपुर जिले के आरंग के पास समोदा के हरदीडीह रेत घाट में खनिज विभाग के 16 अधिकारी, कर्मचारियों को अवैध खनन माफिया के लोगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। आरोप है कि उसके बाद खनिज विभाग के कर्मचारियों के द्वारा सील की गई मशीन खुलवाई गई और कार्यवाही का पत्रक भी फाड़ दिया। कार्यवाही के नाम पर प्रशासन लीपा-पोती में लगा हुआ है। ना मशीनें जप्त की गई और न ही गाड़ियां। इससे बेहद स्पष्ट है कि अवैध खनन माफियाओं को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।

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