फंड के अभाव में चुलमाटी, मंडप और मेहंदी के बाद विवाह रद्द हो गया रायपुर। भाजपा सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण सामूहिक कन्या विवाह...
फंड के अभाव में चुलमाटी, मंडप और मेहंदी के बाद विवाह रद्द हो गया
रायपुर। भाजपा सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण सामूहिक कन्या विवाह में लोगो की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोगो की शादी कार्ड बंट गये, चुलमाटी से लेकर मंडप और मेंहदी तक की रस्में हो गई लेकिन सरकार द्वारा फंड जारी नहीं करने के कारण विवाह कैंसिल करना पड़ा। भिलाई के चरौदा में 14 और 22 फरवरी को 90 से अधिक जोड़ो के विवाह फंड के अभाव में घोषित तिथि के दिन रद्द कर दिया गया। कमोबेश पूरे प्रदेश में यही हालात है। सरकार की असंवेदनशीलता के कारण गरीबो की कन्याओं और उनके परिजनों को अपमानित होना पड़ रहा है। आवेदन स्वीकृत करने के बाद विवाह कैंसिल हो रहा है। राजधानी में हरदिहा साहू समाज के द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन होना है। जिसमें 100 जोड़ो का पंजीयन हुआ है। लेकिन सरकार द्वारा आर्थिक सहायता स्वीकृत नहीं किया जा रहा। यही हालत सभी समाजो के साथ है लोगो के आवेदनों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना गरीब वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह के लिये चलाई जाने वाली संवेदनशील योजना है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस योजना की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया था, यह दुर्भाग्यजनक है कि साय सरकार की प्राथमिकता में यह योजना नहीं है और धनाभाव में गरीब बेटियों की शादियां रद्द हो रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक निर्धन कन्या योजना सिर्फ एक योजना नहीं, सरकार का सामाजिक दायित्व है। इस योजना के उद्देश्य से गरीब वर्ग के कन्याओं को उनके भविष्य के जीवन के लिये सम्मान जनक राह बनाना है ताकि उनके विवाह और भविष्य में आर्थिक परेशानी आंडे नही आये इसीलिये इस योजना के लिये 50 हजार की राशि का प्रावधान कांग्रेस सरकार ने किया था। जिसमें युवती के खाते में 21 हजार रू. डाले जाते थे तथा 15 हजार रू. का बर्तन और दैनिक उपयोग की वस्तुयें एवं 6 हजार रू. विवाह में खर्च के लिये दिया जाता था। यह दुर्भाग्यजनक है कि सरकार वैवाहिक जोड़ो के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है तथा इस संवेदनशील विषय पर भी सरकार लापरवाह बनी हुई है।
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