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मुस्लिमों ने उत्तराखंड UCC के खिलाफ सड़क पर भरी हुंकार

   देहरादून । उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यूसीसी-UCC को सीएम धामी सरकार की कैबिनेट में मंजूरी के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने आंदोलन ...

 

 देहरादून । उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यूसीसी-UCC को सीएम धामी सरकार की कैबिनेट में मंजूरी के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। 5 फरवरी को विधानसभा सत्र के पहले दिन मुस्लिम समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उत्तराखंड सरकार को काले कानून वापिस लेना होगा। देहरादून में यूसीसी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा विधानसभा कूच किया। नुमाइंदा ग्रुप उत्तराखंड के बैनर तले किए जा रहे इस कूच में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा, शेड्यूल ट्राइब के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते करनाकर भी पहुंचे थे। महमूद प्राचा ने कहा कि ने कहा कि यूसीसी चोरी कानून है। मुसलमानो के खिलाफ इसका डर दिखाया जा रहा है। जबकि यह दलित शोषितों और वंचितों के खिलाफ काला कानून है।  सरकार इस कानून की आड़ में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन और नौकरियां हड़पना चाहती हैं। उनका हक मारना चाहती है। कहा कि बेरोजगारी और भू कानून जैसे मुद्दों को गायब करना चाहती है।  प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुरान, शरीयत, मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर कुछ भी मंजूर नहीं है। चेतावनी दी है कि अगर सीएम पुष्क सिंह धामी सरकार ने इसे जबरन लागू किया तो वह सड़क से लेकर कोर्ट तक अपनी आवाज उठाएंगे। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, इमाम संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती रईस कासमी का कहना था कि मुस्लिम समुदाय की आपत्तियों को दरकिनार किया गया है। वे इसका कड़ा विरोध करते हैं। कहना था कि आर्टिकल 25 के तहत हर धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अपने धर्म पर चलने की आजादी है। इस दौरान पूर्व राज्य मंत्री याकूब सिद्दीकी, शहर मुफ्ती सलीम अहमद कासमी, अधिवक्ता रजिया बाग, अधिवक्ता लताफत हुसैन, आसिफ कुरेशी, तौसीर अहमद, लियाकत अब्बासी, निवर्तमान पार्षद इलियास, मोहम्मद इंतजार, मुकीम आदि मौजूद है।

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