रायपुर। पूर्व संगठन महामंत्री अरुण सिसोदिया के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी तरह क...
रायपुर। पूर्व संगठन महामंत्री अरुण सिसोदिया के आरोपों पर पूर्व
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी तरह
का कोई गबन या घोटाला नहीं हुआ है। जो भी भुगतान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की
ओर से किया गया वह एक वैधानिक अनुबंध के तहत किया गया। प्रदेश कांग्रेस के
एक पूर्व पदाधिकारी ने जो भी शिकायत की है वह दरअसल, भाजपा स्लीपर सेल का
दुष्प्रचार है। बघेल ने कहा है कि पार्टी की अंदरूनी और वैधानिक अनुबंध पर
इस तरह की शिकायत करना और फिर उसे मीडिया में प्रचारित प्रसारित करना
पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और यह निश्चित तौर पर पार्टी के भीतर रहकर
भाजपा के स्लीपर सेल के लिए काम कर रहे लोगों को काम है। इसीलिए भाजपा
पार्टी के इस अंदरूनी मामले को इतना तूल भी दे रही है। उन्होंने कहा है,
“मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट और अध्यक्ष
दीपक बैज से इस संबंध में बात की है और उनसे अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का
अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने इस
अनुबंध से पहले मुझसे विस्तृत चर्चा की थी और मेरी जानकारी के अनुसार इसके
लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष से बाकायदा स्वीकृति भी ली
गई थी। घेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे, प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के इंटरनेट मीडिया प्रबंधन के लिए यह
अनुबंध हुआ था। इस पूरे लेनदेन में किसी तरह की गड़बड़ी होने के कोई आसार ही
नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना
साधते हुए कहा कि भाजपा में हार की खीज दिख रही है, हमारा हर प्रत्याशी
मजबूत है। भूपेश बघेल के खिलाफ हो रहे विद्रोह को भी भाजपा की साजिश बताया।
उन्होंने कहा कि माहौल बनाने के लिए इस तरीके के प्रोपेगेंडा अपनाया जा
रहा है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर
चुटकी लेते हुए कहा कि सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से कि खुशबू आ
नहीं सकती कभी कागज़ के फूलों से । उन्होंने कहा कि कांग्रेस अंतर्कलह से
उबर नहीं पा रही है। उसे पहले ही हार मान लेना चाहिए। पहले भी कांग्रेस में
स्वर्गीय सोमनाथ साहू ने रायपुर लोकसभा सीट से टिकट लौटाया था। कांग्रेस
में टिकट लौटाने की परंपरा रही है। इन सीटों में भी उन्हें इंडिया गठबंधन
को सौंप देना चाहिए, ताकि वह अपने प्रत्याशी उतार सकें। कांग्रेस के पास
योग्य उम्मीद्वार नहीं हैं।
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