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आठ साल बाद पिता की हत्या का बदला लेने भाईयों ने पड़ोसी को उतारा मौत के घाट

बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र के ग्राम लगरा में करीब 10 साल पहले हुई हत्या का बदला लेने के लिए पड़ोसियों ने युवक पर टंगिया से हमला कर मौत के घाट ...


बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र के ग्राम लगरा में करीब 10 साल पहले हुई हत्या का बदला लेने के लिए पड़ोसियों ने युवक पर टंगिया से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे भाग निकले। इधर घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद दो युवकों को हिरासत में ले लिया है। वहीं, एक आरोपित फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।

 सरकंडा सीएसपी सिद्धार्थ बघेल ने बताया कि ग्राम लगरा में रहने वाले छतराम केंवट रोजी-मजदूरी करते थे। सोमवार की सुबह उनके पड़ोसी जितेंद्र केंवट, धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट ने उन्हें घेरकर टंगिया और लाठी से हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से छतराम संभल नहीं पाए। सिर और गले में टंगिया के हमले से आई चोट के कारण उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या कर भागे हमलावर
घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर भाग निकले। इधर हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गांव के लोगों से पूछताछ की। इसमें पता चला कि पड़ोस में ही रहने वाले धर्मेंद्र केंवट और उसके भाईयों से छतराम का विवाद चल रहा था। इसके आधार पर पुलिस की टीम ने गांव में घेराबंदी कर हेमंत केंवट और धर्मेंद्र को पकड़ लिया। इधर जितेंद्र पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया।

पुलिस की टीम दोनों को लेकर थाने आ गई। यहां पर पूछताछ में पता चला कि छतराम और उसके पिता संतोष ने करीब 10 साल पहले धर्मेंद्र के पिता तिलकराम केंवट की हत्या कर दी थी।
इस मामले में दोनों को पुलिस ने जेल भेजा था। करीब आठ साल जेल में रहने के बाद दोनों छूटकर बाहर आ गए। संतोष पूणे में रहकर रोजी मजदूरी करता है। छतराम गांव में ही रहकर रोजी-मजदूरी करता है। अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उन्होंने छतराम की हत्या की है। अब पुलिस तीसरे आरोपित की तलाश कर रही है।

पकड़े गए आरोपित ने पूछताछ में बताया कि छतराम के परिवार से उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इसी के चलते छतराम और उसके पिता ने मिलकर आरोपित के पिता तिलक राम की हत्या कर दी। इसके बाद वे तिलक की पत्नी को टोनही कहकर प्रताड़ित करते रहे।
इसी बात को लेकर उन्होंने छतराम की हत्या की। इधर हत्या की सूचना पर पुलिस की टीम डाग मास्टर राममिलन और डाग रोजी को लेकर मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से भागते हुए रोजी सीधे आरोपित धर्मेंद्र के घर पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने धर्मेंद्र और उसके भाई हेमंत को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।

आरोपित युवकों ने बताया कि छतराम और उसके परिवार के लोग पहले उनके पिता तिलक की हत्या कर दी। इसके बाद वे उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके कारण मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बानाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाईयों ने छतराम की हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार को मौका मिलते ही उन्होंने छतराम को मौत के घाट उतार दिया। 

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