जगदलपुर: बस्तर के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बल के जवानों की अगुवाई "रानी" करती है। रानी नक्सलियों के विरु...
जगदलपुर:
बस्तर के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बल के जवानों
की अगुवाई "रानी" करती है। रानी नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों की
लड़ाई में सम्मिलित श्वानों के दल की सदस्य है। इसकी भूमिका विस्फोटकों का
पता लगाने में प्रभावी रही है। रानी बीजापुर जिला पुलिस बल की सदस्य है।
विस्फोटक ढूढ़कर बचाई जवानों की जान
दो
माह पहले नक्सलियों ने गद्दामली से कडेर जाने वाले रास्ते पर सुरक्षा बल
को नुकसान पहुंचाने 30-30 किलो के दो पाइप बम व एक दस किलो का प्रेशर कुकर
आइईडी (इंप्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस) बिछाए हुए थे। नक्सलियों का इरादा
जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने का था, पर बल की अगुवाई कर रही रानी ने
इसका पता लगा लिया। इसके तुरंत बाद बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटकों को
निष्क्रिय कर दिया।
पिछले दस वर्ष से सुरक्षा बल में तैनात
लेब्राडोर नस्ल की इस श्वान रानी ने अब तक दो सौ से अधिक अभियान में 300
किलो से अधिक विस्फोटक ढूंढ निकाले हैं। बस्तर के नक्सल मोर्चे पर केंद्रीय
रिजर्व बल, पुलिस बल, इंडियन तिब्बतन बार्ड पुलिस सहित अन्य बलों की
टुकड़ी में 100 से अधिक श्वानों की तैनाती है।
सुरक्षा बल के अभियान
की अगुवाई करते हुए इन श्वानों ने अब तक जमीन के नीचे दबे 4000 किलो से
अधिक विस्फोटक का पता लगा कर जवानों को सुरक्षित रखने का साहसिक कार्य किया
है। बस्तर में नक्सलवाद के विरुद्ध जारी लड़ाई में सुरक्षा बल के साथी
श्वान सारथी की भूमिका में है।
पग-पग पर है बारूदी खतरा
राज्य
गठन के बाद से नक्सलियों के बारूदी सुरंग हमले में 754 जवान बलिदान व 189
नागरिक मारे गए हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि बस्तर में पग-पग पर बारूदी
खतरा है। यद्यपि पिछले कुछ वर्ष में सुरक्षा बलों को बारूदी सुरंग हमलों को
असफल करने में सफलता मिली है।
सुरक्षा बल के जवान मानते हैं कि इस
सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ नक्सल मोर्चे पर तैनात श्वानों का है।
नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में श्वानों के उपयोग से बारूदी सुरंगों को
ढूंढने में क्रांतिकारी सफलता मिली है। अभियान में सुरक्षा बलों की अगुवाई
श्वान करते हैं और कई घटनाओं में जवानों की जान बचाई हैं। -सुंदरराज पी.,
आइजीपी बस्तर
No comments