कोतमा में शिक्षक दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यमंत्री भोपाल : कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ...
कोतमा में शिक्षक दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यमंत्री
भोपाल : कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि गुरु के बिना हमारा जीवन अंधकारमय है। गुरु ही हमें प्रकाशवान बनाते हैं। सभी शिक्षक प्रयास करें कि विद्यार्थी संस्कारवान बने तथा माता-पिता और राष्ट्र की सेवा करें। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भारतीय शिक्षा के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना के लिए संकल्पित हों। श्री जायसवाल शुक्रवार को कोतमा के एक निजी स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यमंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि शिक्षकों की महती जिम्मेदारी है कि वे राष्ट्र निर्माण के लिए तत्पर भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करें। शिक्षा और शिक्षण का स्वरूप ऐसा हो जो विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे। उन्होंने कहा कि गुरु राष्ट्र के उत्थान में अतुल्यनीय भूमिका निभाते हैं। शिक्षक बच्चों को जो भी सिखाते हैं, उसे जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करें। उन्हें अपने आचरण और व्यवहार से बच्चों को प्रेरित और प्रोत्साहित करें। उनमें सदाचार, व्यवहार एवं संस्कार के बीज रोपित करे। गुरु परम्परा भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं में शिक्षक का स्थान सर्वश्रेष्ठ है।
राज्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्यार्थी भविष्य का लक्ष्य आज ही तय कर लें। बिना लक्ष्य के कोई भी कार्य निरर्थक है। पढ़ाई के प्रति जिद जुनून एवं जज्बा लायें और अपना लक्ष्य प्राप्त करें।
समारोह में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुतियां दी गयीं। कार्यक्रम में गुरु एवं शिष्य परंपरा की सीख दी गई। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष कोतमा श्री अजय सराफ, समाजसेवी श्री हनुमान गर्ग एवं स्कूल की प्राचार्य सुश्री एस. प्रिया और बड़ी संख्या में शिक्षक गण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
भोपाल : कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि गुरु के बिना हमारा जीवन अंधकारमय है। गुरु ही हमें प्रकाशवान बनाते हैं। सभी शिक्षक प्रयास करें कि विद्यार्थी संस्कारवान बने तथा माता-पिता और राष्ट्र की सेवा करें। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भारतीय शिक्षा के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना के लिए संकल्पित हों। श्री जायसवाल शुक्रवार को कोतमा के एक निजी स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यमंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि शिक्षकों की महती जिम्मेदारी है कि वे राष्ट्र निर्माण के लिए तत्पर भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करें। शिक्षा और शिक्षण का स्वरूप ऐसा हो जो विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे। उन्होंने कहा कि गुरु राष्ट्र के उत्थान में अतुल्यनीय भूमिका निभाते हैं। शिक्षक बच्चों को जो भी सिखाते हैं, उसे जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करें। उन्हें अपने आचरण और व्यवहार से बच्चों को प्रेरित और प्रोत्साहित करें। उनमें सदाचार, व्यवहार एवं संस्कार के बीज रोपित करे। गुरु परम्परा भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं में शिक्षक का स्थान सर्वश्रेष्ठ है।
राज्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्यार्थी भविष्य का लक्ष्य आज ही तय कर लें। बिना लक्ष्य के कोई भी कार्य निरर्थक है। पढ़ाई के प्रति जिद जुनून एवं जज्बा लायें और अपना लक्ष्य प्राप्त करें।
समारोह में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुतियां दी गयीं। कार्यक्रम में गुरु एवं शिष्य परंपरा की सीख दी गई। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष कोतमा श्री अजय सराफ, समाजसेवी श्री हनुमान गर्ग एवं स्कूल की प्राचार्य सुश्री एस. प्रिया और बड़ी संख्या में शिक्षक गण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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