Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

भारी बारिश के बाद गंगा-अलकनंदा नदियां उफनाईं, भूस्खलन से बद्रीनाथ-गंगोत्री हाईवे बंद; केदारनाथ यात्रा रोकी

  रुद्रप्रयाग/देहरादून । उत्तराखंड में बुधवार रात और गुरुवार को भारी बारिश होने से 151 से ज्यादा मार्ग बाधित हो गए। नदी-नाले उफान पर आ गए।...

 

रुद्रप्रयाग/देहरादून । उत्तराखंड में बुधवार रात और गुरुवार को भारी बारिश होने से 151 से ज्यादा मार्ग बाधित हो गए। नदी-नाले उफान पर आ गए। इस बीच, रुद्रप्रयाग प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ यात्रियों को गुरुवार को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया। गंगा, अलकनंदा समेत कई नदियां उफना गईं हैं।

नदियों के उफान पर आने और मौसम विभाग के अलर्ट के बाद प्रशासन भी सतर्क मोड पर आ गया है। करीब तीन हजार तीर्थयात्री सोनप्रयाग और आसपास के स्थानों पर रुके हैं। उधर, स्थितियां अनुकूल होने पर हेलीकॉप्टर सेवा से कई यात्रियों ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन किए।
भूस्खलन की आशंका

केदारघाटी में कई दिन से जारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। सोनप्रयाग कोतवाली निरीक्षक देवेंद्र असवाल ने बताया कि बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर गुरुवार को केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया।

परिस्थितियां अनुकूल होते ही श्रद्धालुओं को केदारनाथ जाने दिया जाएगा। उधर, खराब मौसम को देखते हुए यात्रियों ने भी सोनप्रयाग, सीतापुर आदि स्थानों पर रुकने का निर्णय लिया। सोनप्रयाग और आसपास के स्थानों पर करीब तीन हजार तीर्थयात्री रुके हैं।
मुश्किलों भरा सफर

उत्तराखंड में भारी बारिश का सर्वाधिक असर सड़कों और राहगीरों पर पड़ रहा है। बरसात के चलते गुरुवार को 150 से ज्यादा सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों के साथ ही तीर्थयात्रियों व वाहन चालकों को परेशानी हुई।

मैदानी इलाकों में कई जगह लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। उधर, चमोली के ब्लॉक दशोली में लासी-सरतोली सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने से दर्जनों गांवों की 10 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित है।

विभिन्न गांवों के लोगों को चमोली बाजार राशन लेने पथरीले और जंगलों के रास्ते पैदल आना पड़ रहा है।

लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बुधवार देर शाम तक 110 सड़कें बंद थीं। 51 और सड़कें गुरुवार को बंद हो गईं। इनमें से कुछ पर यातायात सुचारु कर दिया गया। इस के बाद भी गुरुवार देर शाम तक 151 सड़कें बाधित थीं। लोनिवि के एचओडी डीके यादव ने बताया, इनमें एक एनएच जबकि 14 राज्य मार्ग शामिल हैं।
बदरीनाथ हाईवे दो बार

बाधित ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे गुरुवार को कमेड़ा में पहाड़ी से मलबा आने के चलते दो बार बंद हुआ। पहले सुबह लगभग सात बजे हाईवे पर मलबा आ गया और आवाजाही करीब एक घंटे बंद रही। आठ बजे के लगभग मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारु की गई।

 इसके बाद दोपहर करीब दो बजे फिर मलबा आने से हाईवे बंद हो गया। इसे तीन बजे सुचारु किया गया। कमेड़ा में बरसात और मलबे के कारण हाईवे खतरनाक बन गया है।

केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मुनकटिया में पहाड़ी से बार-बार बोल्डर गिर रहे हैं लिहाजा पैदल यात्रियों को इस स्थान पर सावधानी के साथ भेजा जा रहा है। उधर, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर यात्रा सुचारु रही।
10 जिलों में बारिश पर रेड अलर्ट

उत्तराखंड में 13-14 सितंबर को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र, दून के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और यूएसनगर के लिए रेड जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेशभर के स्कूलों में आज छुट्टी

मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए शुक्रवार के लिए प्रदेशभर में कक्षा एक से बारह तक के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों, आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है। उधर, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को सतर्क रहते हुए हर स्थिति से निपटने को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
कुमाऊं में जनजीवन पर असर

कुमाऊं मंडल में बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। काशीपुर में बारिश के दौरान दीवार गिरने से करीब 15 लोग घायल हो गए। अल्मोड़ा की इंदिरा बस्ती में रहने वाले 12 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मंडल में बारिश के दौरान पेड़ गिरने, सड़कों पर पत्थर और मलबा आने से 60 से ज्यादा सड़कें बंद हैं।

No comments