बच्चों के सही पोषण और देखरेख के लिए उमंग कार्यक्रम का हुआ आयोजन मंत्री ने बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की अपील की रायपुर । महिला...
बच्चों के सही पोषण और देखरेख के लिए उमंग कार्यक्रम का हुआ आयोजन
मंत्री ने बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की अपील की
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने आज रायपुर के स्थानीय होटल में आयोजित पोषण देखरेख कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय पोषक परिवार सम्मेलन एवं पोषक परिवार नेटवर्क पर कार्यशाला उमंग का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला में देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में पोषण देखरेख ब्रोशर का विमोचन एवं वीडियो जारी की गई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) कर रहे पोषक परिवारों को भी सम्मानित किया। इस कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु
देव साय के कुशल नेतृत्व में विभाग ने महिलाओं एवं बच्चों के लिये अनेकों
कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी
वर्ग बच्चों को विकास के अवसर देने से प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ सकते
हैं और अपने समाज और प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर सकते हैं। मंत्री श्रीमती
राजवाड़े ने कहा कि पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) संस्था के बाहर बच्चों की
देखरेख का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ‘‘मिशन वात्सल्य’’ के तहत जरूरतमंद
और संरक्षण वाले बच्चों को पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए गैर
नातेदार परिवार में अस्थाई देखरेख और संरक्षण की व्यवस्था की जाती है। इससे
पोषक परिवार में जहां उत्साह, उमंग का संचार होता है। वहीं बच्चों को
समुचित विकास का पूरा मौका मिलता है। इन बच्चों को समाज की मुख्य धारा से
जोड़ने के लिये प्रत्येक नागरिक को संवेदनशील और सहयोगी होना होगा। उन्होंने
अपील कि है कि समाज के सभी वर्ग, स्वयं-सेवी संस्थाएं, सरकार के साथ
बच्चों को पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराने और उनके विकास के अवसर उपलब्ध
कराने एकजुट होना होगा, जिससे एक योग्य नागरिक और सशक्त भारत का निर्माण हो
सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उल्लास, उम्मीद, उजियार, उमंग और उदय कार्यक्रम पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 112 बाल देखरेख संस्थायें संचालित हैं, जिनमें से 33 विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरणों में 125 बच्चे निवासरत हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 56 बच्चों को विभिन्न परिवारों में दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुर्नवासित किया है। 76 बाल देखरेख संस्थाओं में 2112 बच्चें निवासरत हैं, इनमें 61 बच्चे पोषण देखरेख कार्यक्रम हेतु चिन्हांकित किए गए हैं। राज्य में 22 बच्चें पोषण देखरेख कार्यक्रम अंतर्गत निवास कर रहे है एवं प्रवर्तकता (स्पॉन्सरशिप) कार्यक्रम के अन्तर्गत 1080 बच्चों को लाभ दिलाया जा रहा है। कार्यक्रम में संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री तूलिका प्रजापति, बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनिसेफ दिल्ली श्री प्रभात कुमार, श्री नंदलाल चौधरी संयुक्त संचालक, सुश्री वसुंधरा, सुश्री बिभूति दुग्गर, श्री रामशरण चौकसे सहित अधिकारी-कर्मचारी एवं पोषक परिवार उपस्थित थे।
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