मध्यप्रदेश के वन, वनोपज और वन्य-प्राणी प्रदेश की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया 7 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय व...
मध्यप्रदेश के वन, वनोपज और वन्य-प्राणी प्रदेश की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया 7 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वन मेले का शुभारंभ
लाल परेड ग्राउंड में 23 दिसंबर तक होगा मेले का आयोजन
भोपाल
: राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन संपदा की
दृष्टि से समृद्ध राज्य है। यहां पर औषधीय जड़ी-बूटियों का समृद्ध भंडार है।
कोविड महामारी ने विश्व को आयुर्वेद के महत्व से पुन: परिचित कराया है।
उन्होंने महामारी के दौरान मरीजों के ईलाज के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण
कार्य के लिए प्रदेश सरकार की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वन
मेले का आयोजन, वन संसाधनों की महत्ता, उनके संरक्षण और संवर्धन की
जागरूकता प्रसार की दिशा में सुखद संकेत है। राज्यपाल श्री पटेल 10वें
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल
श्री पटेल ने शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ हितग्राहियों
को लघु वनोपज संघ अंतर्गत प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि का वितरण किया। वन
एवं राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ द्वारा 10वां
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का लाल परेड ग्राउंड भोपाल में 17 से 23 दिसंबर तक
आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
ने की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आधुनिक चिकित्सा
विज्ञान का अपना महत्व है, लेकिन वनों से प्राप्त औषधियों की विशेष
उपयोगिता है। कोरोना के कठिन समय में आयुर्वेद ने लोगों के जीवन बचाने में
मदद की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को
बढ़ावा दिया है। अब चिकित्सा जगत में फिर से आयुष का महत्व बढ़ा है। वन मेले
जैसे आयोजन इस नाते बहुत महत्व रखते हैं। वास्तव में यह अंतर्राष्ट्रीय वन
मेला अनोखा है। इस मेले की शुरूआत 2001 से हुई और धीरे-धीरे यह प्रदेश से
आगे बढ़कर देश तक और फिर वैश्विक हो गया। मेले ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
आम तौर पर वन और वन-सम्पदा से मेलों का इतना विस्तार होना हम सब के लिए
गौरव की बात है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को भोपाल के लाल परेड
ग्राउंड में 10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेले को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश की वन सम्पदा विशिष्ट है। हम तो
सौभाग्यशाली हैं कि हमारे यहां वन सम्पदा, वनों का आंतरिक वातावरण भी विशेष
है और प्रदेश के वनों की अलग पहचान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
वन्य प्राणी हमारे जंगल के आभूषण होते हैं, जिनके कारण जंगल की शोभा होती
है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश चीतों को
पुनर्स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई है। वन्य जीव परम्परा में सभी
प्रकार के टाइगर, तेंदुआ, चीता का महत्व है। टाइगर में हम देश में नम्बर वन
पर है। वास्तव में पुनर्स्थापना में मध्यप्रदेश की भूमि का चयन होना हमारे
लिये गर्व की बात है। जो चीते सम्पर्णू एशिया से ही गायब हो गए थे। इसके
लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी बधाई के पात्र हैं। वन विभाग ने यह
अनोखा प्रयोग किया है। इस प्रयोग के अच्छे परिणाम उनके लिये आ रहे हैं।
धीरे-धीरे हमारे यहाँ नए-नए मेहमान आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है वे कि
मध्यप्रदेश का वातावरण अनुकूल हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
प्रदेश के वनवासी भी वनों की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और
राजस्थान के बीच सिंचाई, उद्योग क्षेत्र और पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण
पार्वती-काली सिंध-चम्बल परियोजना के लिए आज जयपुर में त्रिपक्षीय अनुबंध
का अवसर दिया। केंद्र सरकार द्वारा परियोजना के लिए 90 प्रतिशत राशि प्रदान
की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 11 दिसम्बर से प्रारंभ
हुए जनकल्याण पर्व की गतिविधियां 26 दिसम्बर तक चलेंगी। प्रतिदिन
प्रदेशवासियों को एक नई सौगात दी जा रही है। हाल ही में राजधानी के निकट
लोकार्पित अभ्यारण का नाम पुरातत्वशास्त्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के
नाम पर किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से आहवान किया कि वे
वन मेले में प्रदर्शित औषधियों को खरीदें और लाभ प्राप्त करें। उन्होंने
वन विभाग को श्रेष्ठ आयोजन के लिए बधाई दी। प्रारंभ में राज्यपाल श्री पटेल
और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रायसेन, विदिशा, सिवनी और अन्य जिलों से आए 9
तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2023 के तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य की बोनस
राशि के चेक प्रदान किए।
वन्य राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने
कहा कि यह मेला दिव्यता और भव्यता का प्रतीक है। राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता
संग्राहकों का मानदेय तीन हजार रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा
किया है। विभाग में अनुकंपा नियुक्ति, दुर्घटना पर राहत राशि के
महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कार्यक्रम में विधायक श्री भगवान दास
सबनानी, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक
एवं वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। प्रारंभ में
लघुवनोपज संघ के एमडी श्री विभाष ठाकुर ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों को
बांस की टोकरी एवं अन्य वन्य उत्पाद, स्मृति चिन्ह के रूप में दिए गए।
राज्यपाल
श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन मेले में विभिन्न स्टाल्स का
अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय समाज के पारम्परिक वाद्य
यंत्रों को बजाते हुए जनजातीय लोक कलाओं से जुड़े कलाकार दल से भेंट एवं
चर्चा की।
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