लखनऊ । सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि सिख पंथ के अनुयायियों ने अपनी साधना और सामर्थ्य से अपने कौम के साथ-साथ पूरे देश को और ...
लखनऊ
। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि सिख पंथ के अनुयायियों ने
अपनी साधना और सामर्थ्य से अपने कौम के साथ-साथ पूरे देश को और पूरे सनातन
धर्म को न केवल सुरक्षा प्रदान की बल्कि एक लंबे समय के लिए उन्हें अभय भी
प्रदान किया। यहियागंज गुरुद्वारा में गुरु परंपरा के नवम् गुरु श्री तेग
बहादुर जी महाराज के बलिदान दिवस पर सीएम योगी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान योगी ने उनके बलिदान और स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि गुरु
तेग बहादुर जी महाराज ने उस समय कश्मीर को बचाया था जब वहां के सनातन
धर्मावलंबियों को विदेशी आक्रांताओं द्वारा धर्म परिवर्तन करने का आदेश
मिला था।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों को एक
नया जीवन दिया था। धर्म परिवर्तन के आदेश के बाद सुरक्षा के लिए भटक रहे
कश्मीरी पंडितों को न सिर्फ नया जीवन दिया था बल्कि उनसे कहा था कि
अत्याचारियों से कह दो कि पहले हमारे गुरु को इस्लाम स्वीकार कराओ। गुरु
तेग बहादुर ने हमेशा देश और धर्म को प्राथमिकता दी और किसी विदेशी आक्रांता
के सामने सिर नहीं झुकाया। सीएम योगी ने कहा कि वह कैसा कालखंड रहा होगा
जब एक विदेशी आक्रांता बाबर देश के अंदर अत्याचार कर रहा था, उसके खिलाफ
गुरु नानक देव जी ने आवाज उठाई थी।
सीएम ने कहा कि इतिहास के उन
पन्नों को कौन नहीं जानता है जब भक्ति की इस परंपरा से ऊपर उठकर उन्होंने
समय के साथ तात्कालिक समाज को एक नई दिशा देने का काम किया था। वहां से
चलकर हम शहादत और बलिदान की एक सुदृढ़ नियम को आगे बढ़ाते हुए गुरु गोविंद
सिंह महाराज तक पहुंचे। वह शक्ति का एक दिव्य पुंज बन करके न केवल सनातन
धर्म की रक्षा के लिए बल्कि भारत की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान करने से
पीछे नहीं हटे। योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर अपनी शहादत के पहले सनातन
धर्म की रक्षा के लिए, देश और धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु गोविंद सिंह
जी महाराज जैसा सशक्त शक्तिपुंज भी देश को दिया। उनके चार-चार साहिबजादे
बलिदान हो गए।
उन्होंने कहा हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं,
जिन्होंने 26 दिसंबर की तिथि को वीर बाल दिवस के रूप में आयोजित करने की
घोषणा की। यह मेरा सौभाग्य है कि वीर बाल दिवस सन् 2020 से लगातार
मुख्यमंत्री आवास में पूरी भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है। पूरा संत समाज
इसमें शामिल होता है। हम गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार-चार साहिबजादे
और माता गुजरी को नमन करते हुए आज के युवा पीढ़ी के लिए और आज के बच्चों के
सामने एक नया आदर्श शहादत के रूप में सामने रखते हैं जो आज के लिए देश और
धर्म के लिए आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
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