वाराणसी । राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि देश सुरक्षित है तो धर्म भ...
वाराणसी ।
राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि बताते हुये उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि देश सुरक्षित है
तो धर्म भी सुरक्षित है। धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं। श्री
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि हर काम देश के
नाम होना चाहिए। देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित है। धर्म सुरक्षित
है तो हम भी सुरक्षित हैं, इसलिए जो भी कार्य हो, वह व्यक्ति, समाज,
मत-मजहब के दायरे से ऊपर उठकर सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप भारत की
वैदिक-आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते हुए देश के नाम होना चाहिए।
भारतीयता और सनातन सबको जोड़ने की ताकत रखता है। स्वर्वेद महामंदिर धाम में
आयोजित विहंगम योग संत समाज की स्थापना के
शताब्दी समारोह महोत्सव को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि 1888 में
बलिया के छोटे से गांव में सद्गुरु सदाफल देव महाराज का अवतरण हुआ।
उन्होंने 1924 में विहंगम योग संत समाज की स्थापना की। जब समाज शताब्दी
समारोह कार्यक्रम के साथ जुड़ रहा है, तब हम भी इसके साक्षी बन रहे हैं। हम
सभी को संत की यौगिक साधना का प्रसाद प्राप्त हो रहा है। विहंगम योग संत
समाज स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के माध्यम से दिव्य-भव्य मंदिर बनाकर
कोटि-कोटि श्रद्धालुजनों को अपने पुरुषार्थ के माध्यम से जोड़ने के साथ ही
भारत की योग परंपरा व आध्यात्मिक धारा को जन-जन तक पहुंचाने को कृतसंकल्पित
दिख रहा है।
उन्होने कहा कि सद्गुरु सदाफल देव महाराज ने आध्यात्मिक अभियान को आगे
बढ़ाया और यह भी बताया कि सच्चा योगी-संत देश व समाज की परिस्थितियों को
देखकर हाथ पर हाथ रखकर बैठा नहीं रह सकता। देश जब गुलामी की बेड़ियों से
जकड़ा था, तब सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज ने अपनी आध्यात्मिक साधना के साथ
विदेशी दासता से मुक्त कराने के लिए आजादी के आंदोलन में भाग लेकर बैरकपुर
से देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर के शंखनाद के साथ खुद को जोड़ा था। आप सब
भी समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा के साथ राष्ट्रधर्म के लिए समर्पित
महत्वपूर्ण कड़ी से खुद को जोड़ रहे हैं।
योगी ने कहा कि सद्गरु सदाफल देव जी महाराज ने उत्तराखंड ने स्वर्वेद रचा।
उनकी अद्भुत परंपरा का निर्वहन आज भी हो रहा है। विज्ञान देव जी महाराज एक
वर्ष से कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा पर थे। आचार्य जी भी विदेश में
भक्तों को जगाने के लिए आध्यात्मिक यात्रा पर निकले थे। यह संदेश देता है
कि चुपचाप नहीं बैठना है, बल्कि एक कार्य पूरा हुआ तो अगले कार्य की शुरुआत
करनी है और हर काम देश-सनातन धर्म के नाम है। आज हम जिस कार्यक्रम के साथ
जुड़ रहे हैं, यह उसी विरासत का सम्मान है, जिसे 100 वर्ष पहले सद्गुरु
सदाफल देव महराज ने प्रारंभ किया था। आचार्य स्वतंत्र देव जी महाराज, संत
प्रवर विज्ञान देव महाराज उसी परंपरा का अनुसरण करते हुए उसे आगे बढ़ाते
हुए जनजागरण के वृहद अभियान से जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को 10 वर्ष
में चमका दिया है। अब काशी विश्वनाथ धाम, दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट
(नमो घाट) है। यहां हैलीपेड भी है। यहां बड़े-बड़े कार्यक्रम हो सकते हैं।
काशी के घाट अब नए भव्य स्वरूप में देखने को मिलते हैं। देव मंदिरों का
कायाकल्प हुआ है। पहले की स्थिति के मुकाबले 2014 के बाद से सड़क, रेल,
वायुसेवा की कनेक्टिविटी 100 गुना बेहतर हुई है। अब काशी से हल्दिया के बीच
में जलमार्ग का उपयोग कर यात्रा को बढ़ा सकते हैं। यह क्षेत्र भी अब तीर्थ
के रूप में विकसित हो गया है। स्वास्थ्य हो या शिक्षा, विकास के विभिन्न
पक्षों को लेकर काशी आज चमक रही है और काशी के साथ पूरा यूपी पीएम मोदी के
मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है। अब 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के दर्शन हो रहे
हैं, जहां विकास भी है और विरासत का सम्मान भी।
योगी ने कहा कि अच्छा नेतृत्व मिलता है तो सुखद परिणाम आते हैं। आज विरासत का सम्मान भी है तो विकास के माध्यम से लोककल्याण का बड़ा अभियान भी। योग की परंपरा को वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय पीएम मोदी को जाता है। दुनिया के 175 से अधिक देशों के अंदर लोग योग के साथ जुड़े हैं। जब भी योग की चर्चा होगी, भारत के ऋषियों के प्रति श्रद्धा का भाव दुनिया के नागरिकों के मन में जुड़ेगा। पीएम मोदी ने 21 जून की तिथि को विश्व योग दिवस के रूप में कर दिया।प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ प्रारंभ होने वाला है। पीएम मोदी ने इसे भी मान्यता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दिला दी। मोदी जी के मार्गदर्शन में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्रीरामलला अपने दिव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2023 को इस समारोह का शुभारंभ किया था। शताब्दी महोत्सव के अवसर पर उन्होंने स्वर्वेद महामंदिर का भव्य उद्घाटन भी करते हुए विहंगम योग संत समाज व स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के कार्यों की सराहना की थी। 2021 में भी पीएम मोदी के सानिध्य में इस पूरे कार्यक्रम में हमें सहभागी बनने का अवसर प्राप्त हुआ था। इस दौरान आचार्य स्वतंत्र देव जी महाराज, स्वतंत्र प्रवर विज्ञान देव जी महाराज, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर आदि मौजूद रहे।
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