विलंब के कारणों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाएं प्रयागराज कुंभ प्रबंधन में क्रॉउड मैनेजमेंट, ड्रोन-सर्वे, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ...
विलंब के कारणों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाएं
प्रयागराज
कुंभ प्रबंधन में क्रॉउड मैनेजमेंट, ड्रोन-सर्वे, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
क्षेत्र में हुए नवाचारों की बेस्ट प्रैक्टिसेस का सिंहस्थ में होगा
क्रियान्वयन
इंदौर के लाल बाग पैलेस और दरबार हॉल राजवाड़ा तथा ओंकारेश्वर में ममलेश्वर मंदिर कॉम्प्लेक्स का भी होगा अनुरक्षण और विकास
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सिंहस्थ-2028 की मंत्रि-मंडलीय समिति की द्वितीय बैठक
भोपाल
: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में उज्जैन और
इंदौर संभाग गतिविधियों के मुख्य केंद्र रहेंगे। इन संभागों में 2
ज्योतिर्लिंग होने से श्रद्धालुओं का आवागमन तथा धार्मिक गतिविधियां
तुलनात्मक रूप से अधिक होंगी। इंदौर-उज्जैन संभाग में जारी विभिन्न विभागों
के कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों, यह मॉनिटरिंग प्रत्येक 15 दिन में
सुनिश्चित करें। सक्षम स्तर के अधिकारी बैठक कर, कार्यों की प्रगति की
समीक्षा करें। ऐसे विषय जिन में उच्च स्तर से समन्वय या मार्गदर्शन आवश्यक
है, वे विषय राज्य शासन के संज्ञान में लाए जाएं। निर्माण एजेंसियों को
सौंपे गए कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर विलंब के कारणों का
तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में हुई
सिंहस्थ-2028 की मंत्रि-मंडलीय समिति की द्वितीय बैठक को संबोधित कर रहे
थे।
उज्जैन तथा इंदौर जिलों में नवीन बस अड्डों के विकास के लिए दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि अधोसंरचना से संबंधित जिन कार्यों के निर्माण में अधिक
समय लगना है, उन सब की मंत्रि-मंडलीय समिति से स्वीकृति प्राप्त करने और
निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने का कार्य मार्च-2025 तक कर लिया जाए। जल
प्रदाय, सीवरेज के कार्य तत्काल आरंभ किए जाएं। इसके साथ ही उज्जैन तथा
इंदौर जिलों में बस अड्डों की क्षमता वृद्धि या नवीन बस अड्डों के विकास की
कार्य योजना भी मार्च-2025 तक तैयार की जाए। सिंहस्थ-2028 के लिए समस्त
विभागों के अधोसंरचनात्मक कार्यों की कार्य-योजना को सितंबर-2025 तक अंतिम
रूप दिया जाए।
प्रयागराज कुंभ के साथ ही हरिद्वार कुंभ मॉडल का भी होगा अध्ययन
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं को श्रेष्ठतम स्वरूप देने
के लिए प्रयागराज कुंभ के साथ ही हरिद्वार कुंभ मॉडल का अध्ययन भी किया
जाएगा। प्रयागराज कुंभ पूर्ण होने के बाद वहां क्रॉउड मैनेजमेंट, ड्रोन
सर्वे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग तथा अन्य गतिविधियों में लगी
कंपनियों व स्टार्ट-अप का उज्जैन में सम्मेलन आयोजित कर वहां की बेस्ट
प्रैक्टिसेस का क्रियान्वयन सिंहस्थ-2028 में करने की कार्य योजना बनाई
जाएगी।
रेलवे से समन्वय के लिए विशेष सेल गठित किया जाए
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने श्रद्धालुओं के आवागमन में सुगमता के लिए रेलवे से समन्वय के
उद्देश्य से विशेष सेल गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घाटों तक
श्रद्धालुओं के आसानी से आवागमन के लिए उपयुक्त पहुंच मार्ग विकसित किए
जाएं। उज्जैन, इंदौर और देवास में होने वाले निर्माण कार्यों में सीवरेज,
स्वच्छता और हरियाली का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव
ने पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से धर्मशालाओं के उन्नयन के लिए भी कार्य
योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028
को देखते हुए, आवश्यकतानुसार विभागों में प्रशासकीय संरचनाओं का विस्तार
तत्काल किया जाए।
सिंहस्थ, सदियों पुरानी सनातन परम्परा को जीवंत करने का उत्सव - मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय
नगरीय
विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंहस्थ, सदियों
पुरानी सनातन परम्परा को जीवंत करने का उत्सव है। सिंहस्थ-2028 में पधार
रहे श्रद्धालुओं के आवागमन और उनकी सुविधाजनक आवास व्यवस्था के लिए इंदौर,
उज्जैन और देवास क्षेत्र में समन्वित रूप से व्यवस्थाएं विकसित की जाएं।
क्षिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह के लिए जारी है कार्य
बैठक
में जानकारी दी गई कि मंत्रि-मंडलीय समिति द्वारा प्रथम बैठक में जल
संसाधन, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति, पुरातत्व और नगरीय विकास एवं आवास
विभाग के लगभग 5 हजार 955 करोड़ रूपए लागत के 19 कार्यों की स्वीकृति प्रदान
की गई थी। बैठक में क्षिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह के लिए संचालित
योजना सहित क्षिप्रा व कान्ह नदी पर प्रस्तावित बैराजों के निर्माण, कान्ह
नदी डायवर्शन और घाट निर्माण की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की गई।
इसके साथ ही महाकाल लोक कॉरीडोर में पाषाण प्रतिमाओं के निर्माण,
इंदौर-उज्जैन मार्ग के सिक्स लेन में चौड़ीकरण कार्य सहित उज्जैन के
महत्वपूर्ण मार्गों, उज्जैन शहर की सीवरेज परियोजना आदि का प्रगति
प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
गृह, पर्यटन, संस्कृति तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कार्यों को मिली स्वीकृति
मंत्रि-मंडलीय
समिति ने गृह, पर्यटन, संस्कृति तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एक
हजार 451 करोड़ रूपए लागत के 56 कार्य को स्वीकृति प्रदान की। इनमें गृह
विभाग के अंतर्गत निर्मित होने वाले कंपोजिट कंट्रोल रूम उज्जैन, नवीन थाना
भवन, इंटीग्रेटेड कमाण्ड एवं कंट्रोल सेंटर खण्डवा सहित उज्जैन, खण्डवा,
देवास, इंदौर, आगर-मालवा, खरगोन में बनने वाले पुलिस आवास, थाना, ट्रांजिट
हॉस्टल व कैम्प, बैरक आदि शामिल हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के
अंतर्गत सिंहस्थ के दौरान आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण 5 सड़कों के
चौड़ीकरण कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
महेश्वर में नर्मदा रिसोर्ट, ओंकारेश्वर में नवीन होटल, मंदसौर में पर्यटन सुविधा केन्द्र भी होंगे विकसित
मंत्रि-मंडलीय
समिति ने पर्यटन विभाग के अंतर्गत उज्जैन में होटल महाराजबाड़ा द हेरिटेज,
ग्रांड होटल, क्षिप्रा रेसीडेंसी तथा होटल उज्जैयिनी के उन्नयन, मंदसौर में
पर्यटन सुविधा केन्द्र के उन्नयन और ओंकारेश्वर सर्किट विकास के अंतर्गत
इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर और महेश्वर में यात्री सुविधाओं के विकास को
स्वीकृति प्रदान की गई। नर्मदा रिसोर्ट महेश्वर, चोरल रिसोर्ट इंदौर,
ओंकारेश्वर में नवीन होटल निर्माण और उज्जैन के होटल अवंतिका के उन्नयन
कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। संस्कृति विभाग के अंतर्गत लाल बाग
पैलेस परिसर इंदौर के उन्नयन, दरबार हॉल राजबाड़ा इंदौर के अनुरक्षण और
विकास कार्य, ओंकारेश्वर स्थित ममलेश्वर मंदिर कॉम्पलेक्स के विकास और वीर
दुर्गादास जी की उज्जैन स्थित छतरी के विकास और अनुरक्षण कार्य को भी
स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल,
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, परिवहन मंत्री
श्रीउदय प्रताप सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, खाद्य नागरिक
आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, उर्जा मंत्री श्री
प्रद्युम्न सिंह तोमर, संस्कृति, पर्यटन धार्मिक न्यास और धर्मस्व
राज्यमंत्री श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री
श्री गौतम टेटवाल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा
बागरी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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