मुख्यमंत्री ने भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को दी बधाई मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय आईएफएस मीट और वानिकी सम्मेलन का शुभारंभ भोपाल : मुख्...
मुख्यमंत्री ने भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को दी बधाई
मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय आईएफएस मीट और वानिकी सम्मेलन का शुभारंभ
भोपाल
: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के पन्ना जैसे क्षेत्र
जहां वन्य जीवों की स्थिति शून्य हो गई थी, वहां भी वन अधिकारियों के
प्रयासों के परिणामस्वरूप वन्य जीवों की गतिविधियां पुन: आरंभ हुईं, यह
अपनी सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है और वे बधाई के पात्र
हैं। वर्तमान में प्रदेश के पास हीरा है, चीता है और अब तो गजराज भी
मध्यप्रदेश का रूख कर रहे हैं। प्रदेश का वन क्षेत्र समृद्ध है। वर्ष 2003
से 2021 के मध्य वन क्षेत्र में 1063 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
भोपाल देश की एकमात्र ऐसी राजधानी है, जिसके आस-पास आसानी से टाइगर देखे जा
सकते हैं। यह हमारे प्रदेश के लिए सुखद और पर्यावरण की दृष्टि से बड़ी
उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय
सभागार में दो दिवसीय आई.एफ.एस (भारतीय वन सेवा) मीट और वानिकी सम्मेलन के
शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप
प्रज्ज्वलन के साथ कर तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर सम्मेलन
का शुभारंभ किया। सम्मेलन में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप
अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक
एवं वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव तथा अन्य आई.एफ.एस. अधिकारी उपस्थित
थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रूद्राक्ष का पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया
गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस प्रकार के मीट परस्पर
संवाद, मित्रता के भाव, अनुभव साझा करने और बेहतर कार्य संस्कृति विकसित
करने के लिए आवश्यक हैं। मध्यप्रदेश में प्रचुर वन संपदा विद्यमान है तथा
पुरातत्व, भू-गर्भ शास्त्र, पर्यावरण, वनस्पति शास्त्र सहित कई विधाओं में
अध्ययन व शोध की अपार संभावना विद्यमान हैं। वन विभाग को इन क्षेत्रों में
अध्ययन को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करने के लिए पहल करना होगी। इसी
प्रकार पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भी गतिविधियों का
विस्तार किया जाए। उन्होंने रातापानी के संदर्भ में ग्रामों के विस्थापन की
चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए वन अमले की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वनों के विकास और
नवाचारी गतिविधियों के संचालन के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
वन
एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि प्राकृतिक
संसाधनों से समृद्ध मध्यप्रदेश के वन और वन्य जीव हमारी पहचान है। उन्होंने
कहा कि शासन इनके संरक्षण और सवंर्धन के लिये कटिबद्ध है। प्रदेश में
जनभागीदारी को केन्द्र में रखकर अनेक गतिविधियां और कार्यक्रम चलाएं जा रहे
है। राज्य मंत्री श्री अहिरवार ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वनों के
संरक्षण और संवर्द्धन के लिये की गई ईमानदार एवं प्रभावी पहल का परिणाम है
कि प्रदेश के वन आवरण में स्थायित्व आने के साथ ही वन्य प्राणियों के
प्रबंधन की दिशा में किये गये प्रयासों को सराहा गया है। मंत्री श्री
अहिरवार ने इस अवसर पर भारतीय वन सेवा अधिकारियों को बधाई दी। दो दिवसीय
आई.एफ.एस. मीट में वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन, संयुक्त वन प्रबंधन,
वनवासियों के कल्याण आदि विषय पर चार सत्र होंगे। इसके साथ ही खेलकूद और
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
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