कुरुद:- वृहताकार कृषि साख सहकारी समिति कुरुद में चना ,मसूर,सरसो का समर्थन मूल्य में खरीदी प्रारम्भ हुआ जिसके अतिथि भानु चन्द्राकर विधायक...
कुरुद:-
वृहताकार कृषि साख सहकारी समिति कुरुद में चना ,मसूर,सरसो का समर्थन मूल्य
में खरीदी प्रारम्भ हुआ जिसके अतिथि भानु चन्द्राकर विधायक प्रतिनिधि नगर
पंचायत कुरुद ,कृष्णकांत साहू भाजपा मंडल अध्यक्ष, प्रभात बैस प्राधिकृत
अधिकारी कुरुद सोसाइटी,विकास साहू प्रा अधि .कातालबोड ,थानेश्वर साहू प्रा
आधि कुहकुहा,नरेंद्र ध्रुवंशी प्रा अधि दर्रा, हिमांशु साहू जनपद सदस्य
,दीपक बैस पूर्व अध्यक्ष कुरुद सोसाइटी,मिथलेश बैस पार्षद ,त्रिलोचन बाँसकर
समिति प्रबंधक,रमाकांत सेन सहायक प्रबंधक ,समिति कर्मचारी लेखराम साहू,
विजय,बलदेव,कुलदीप, रमेश एवम कार्तिक साहू लखन साहू ,पुरषोत्तम ,बाबूलाल
नीलू चन्द्राकर,संतोष चन्द्राकर आदि किसान उपस्थित रहे।प्रथम दिवस 15
पंजीकृत किसानों ने 285 कट्टा चना बेचे। खरीदी का प्रारंभ पूजन कार्य कर ,
दिप प्रज्ज्वलित कर तथा आये हुए किसान परस बैस के चना का 50 किलोग्राम तौल
कर किया गया। समिति अध्यक्ष प्रभात बैस ने किसानों की सुविधा खासकर
प्रचंड गर्मी से बचने ठंडे पेयजल ,किसानों के बैठने के लिये छायायुक्त
जगह, का समुचित ध्यान रखने आवश्यक निर्देश दिए।तथा किसानों के दलहन तिलहन
को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार ,राज्य
के विष्णुदेव सरकार का आभार जताया । प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण
अभियान पी एम आशा योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार 2025 -26 में दलहन तिलहन
फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) पर खरीद रही है । जिसके लिये
नेफेड एवम एन सी सी एफ को एजेंसी नियुक्त किया गया है। तथा कृषि साख
समितियो को खरीदी की व्यवस्था प्रदान की गई है।जिसके लिये चना का समर्थन
मूल्य 5650 रु प्रति क्विंटल प्रति एकड़ 6 क्विंटल,मसूर समर्थन मूल्य6700 रु
,सरसो समर्थन मूल्य 5950 रु एन ई एफ टी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा
है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी हाल के बजट में किसानों के लिए बड़ी सौगात दी है
दलहन तिलहन खरीदी के लिये 80 करोड़ का प्रावधान है। कृषक समग्र योजना के
तहत 150 करोड़ का प्रावधान है। इस वर्ष सरकार का लक्ष्य दलहन तिलहन बुवाई का
लक्ष्य 25000 हेक्टेयर है था ख़रीदी दलहन 5 मिलियन टन तिलहन 6 मिलियन टन
है। सरकार ने फसल चक्र परिवर्तन का निर्णय प्रदेश में भु जल के गिरते स्तर
पर चिंता करते हुए जल संरक्षण को बढ़ावा देने मिट्टी की उर्वरा शक्ति को
बढ़ाने के लिये फसल चक्र परिवर्तन, उत्पादन वृद्धि , किसानो को दलहन तिलहन
की अच्छी बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया है।
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