जनजातीय व्यंजन, आभूषण, वेशभूषा और शिल्पकला का हुआ भव्य प्रदर्शन पारंपरिक लोकसंगीत की हुई रंगारंग प्रस्तुति रायपुर । वन एवं जलवायु परि...
जनजातीय व्यंजन, आभूषण, वेशभूषा और शिल्पकला का हुआ भव्य प्रदर्शन
पारंपरिक लोकसंगीत की हुई रंगारंग प्रस्तुति
वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर की जीवनशैली में जनजातीय गीत-संगीत, नृत्य और खानपान अनूठी पहचान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस विलुप्त होती लोकसंस्कृति को ‘बस्तर पंडुम’ के माध्यम से संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है, जिससे विकास के नए द्वार खुलेंगे और बस्तर की समृद्ध संस्कृति को देश-दुनिया में पहचान मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बस्तर के कोदो, कुटकी और रागी जैसे पोषक अनाजों को अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘बस्तर पंडुम’ नई पीढ़ी को अपनी समृद्ध संस्कृति को समझने और अपनाने का अवसर देगा।
कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने जानकारी दी कि जिला स्तरीय आयोजन में विकासखंड स्तर पर चुने गए आठ विधाओं के विजेता प्रतिभागी शामिल हुए हैं। यहां से चयनित प्रतिभागी संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिल रही है।
No comments