बिलासपुर। होली के उल्लास के बाद अब रंगपंचमी की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष 19 मार्च को अंचल में रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा...
बिलासपुर।
होली के उल्लास के बाद अब रंगपंचमी की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष 19
मार्च को अंचल में रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व होली
के पांचवें दिन आता है और विशेष रूप से बिलासपुर शहर सहित ग्रामीण अंचल में
हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शहर के प्रमुख बाजारों में रंग, गुलाल,
पिचकारियों और अन्य सामग्री की दुकानों पर फिर से भीड़ लगेगी। गोलबाजार,
सिटी कोतवाली, शनिचरी बाजार और तेलीपारा में दुकानें सजेंगी। शहर के
विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा रंगपंचमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों
का आयोजन किया जा रहा है। लोक कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और
रंगारंग झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। स्थानीय समितियां मिलकर सड़कों पर
रंगोत्सव का आयोजन करेंगी। जहां लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर पर्व का
आनंद लेंगे। बच्चों और युवाओं में रंगपंचमी को लेकर खासा उत्साह देखा जा
रहा है। बच्चों में खासा उत्साह है। त्योहार के मद्देनजर बाजारों में रौनक
बढ़ गई है। बिलासपुर में रंगपंचमी का पर्व सामाजिक समरसता, भाईचारे और
सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। शहर और ग्रामीण अंचल
में इस पर्व की धूम देखते ही बनती है, जहां लोग मिलजुलकर रंगों के इस
त्योहार का आनंद लेते हैं। बिलासपुर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी
रंगपंचमी का विशेष महत्व है। गांवों में इस दिन सामूहिक होली मिलन समारोह
आयोजित किए जाते हैं। इसे धूल पंचमी भी कहा जाता है। जहां लोग ढोलक, मंजीरा
और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ फाग गीत गाते हैं। पूरे क्षेत्र में उत्सव का
माहौल बनता है।
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