रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उ...
रायपुर।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी
सफलता मिली है। सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में आज
हुई मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सलियों के मारे गए हैं । इस ऑपरेशन में डीआरजी
(डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के दो जवान घायल हुए हैं। छत्तीसगढ़ के
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऑपरेशन की सफलता पर जवानों की बहादुरी की
सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
ने ‘X’ पर लिखा, नक्सलवाद के नासूर को खत्म करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के
बढ़ते कदम… सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में
सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ आज जारी मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सलियों
के मारे जाने की खबर है। मुठभेड़ में डीआरजी के 2 जवान के घायल होने की खबर
है। ईश्वर से शीघ्रातिशीघ्र उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।
मानवता
विरोधी नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों
की मांद में घुसकर उसको जड़ से खत्म करने का काम कर रहे हैं। निश्चित ही
जवानों को मिली यह कामयाबी सराहनीय है, उनकी बहादुरी को नमन करता हूं।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय केंद्रीय गृह मंत्री
श्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप हमारा छत्तीसगढ़ 31 मार्च 2026 तक
नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
16
नक्सलियों के एनकाउंटर को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह जवानों
के भुजाओं की ताकत है. 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. बड़ी मात्रा
में हथियार बरामद किए गए हैं. दो जवानों को चोट भी आई है, लेकिन वे खतरे से
बाहर हैं.
गृहमंत्री शर्मा ने आगे कहा कि 85 दिनों में 133 नक्सली मारे
गए हैं. जो भी इसमें हैं, वो सरेंडर करें. सरकार उनका साथ देगी. अमित शाह
जी का संकल्प और विष्णुदेव साय जी के मार्गदर्शन से तय तिथि पर टारगेट पूरा
कर लिया जाएगा. पूरी ताकत पूरी दृढ़ता के साथ सरकार काम करेगी.
छत्तीसगढ़
में भाजपा सरकार बनने के बाद से सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान को और
तेज कर दिया है। पिछले 14 महीनों में 63 मुठभेड़ों में 333 नक्सली मारे जा
चुके हैं। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद
की गई है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं,
जो नक्सली संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने में मददगार साबित हो रहे हैं।
गौरतलब
है कि नक्सलवाद के समाप्त होने के बाद बस्तर की जनता को शांति और सुरक्षा
का अनुभव होगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और
बस्तर का विकास तेजी से होगा। छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों का यह
अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य पूरी तरह नक्सल मुक्त नहीं हो जाता।
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