रायपुर। बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति से देश-दुनिया को परिचित कराने के लिए आयोजित बस्तर पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए के...
रायपुर।
बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति से देश-दुनिया को परिचित कराने के लिए
आयोजित बस्तर पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह
मंत्री अमित शाह ने बिना लाग-लपेट के सीधे नक्सलवाद पर प्रहार किया.
उन्होंने कहा कि आज मैं मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगले
चैत्र नवरात्रि तक यहां से लाल आतंक समाप्त हो जाए, और हमारा बस्तर खुशहाल
हो.
आयोजन में बड़ी संख्या में जुटे आदिवासियों को संबोधित करते हुए
कहा कि इस साल ‘बस्तर पंडुम’ बस्तर के उत्सव के रूप में मनाया गया है.
लेकिन मैं मोदी जी का संदेश लेकर आया हूं. अगले साल बस्तर पंडुम – यही नाम
के साथ देश के हर आदिवासी जिले से कलाकारों को हम यहां लाएंगे. यही नहीं हम
बस्तर पंडुम को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने के लिए दुनियाभर के राजदूत जो
राजधानी में हैं, उनको बस्तर में लाकर हमारी परंपराओं को, संस्कृति को और
आदिवासी बच्चों की कला को पूरे विश्व में पहुंचाने का काम भाजपा की सरकार
करेगी.
अमित शाह ने कहा कि 12 मार्च से लेकर आज तक जिला प्रशासन और
संस्कृति विभाग ने पांच करोड़ का आवंटन किया है, जो सबसे पहला इतना बड़ा
संस्कृतिक आयोजन है. स्थानीय कला और संस्कृति, पारंपरिक लोककलाएं, शिल्प,
तीज-त्योहार, खान-पान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण, वाद्य
यंत्र, पारंपरिक गीत-संगीत, व्यंजन, पेय पदार्थ – इन सभी को मूल रूप में
संवंर्धित और संरक्षित करने का काम यह पंडुम करेगा.
गृह मंत्री ने
कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे बस्तर का युवा सबसे आधुनिक शिक्षा प्राप्त
करे. विश्व के युवाओं के साथ हर मंच पर दो-दो हाथ करे. दुनियाभर की समृद्धि
प्राप्त करे, परंतु अपनी संस्कृति को कभी न भूले, अपनी भाषा को कभी न
भूले, अपनी परंपराओं को कभी न भूले. यह बस्तर की संस्कृति, बस्तर की
बोलियां, यहां के गान, यहां के वाद्य, पेय पदार्थ, भोजन… यह केवल छत्तीसगढ़
के लिए महत्वपूर्ण नहीं है. यह भारत की संस्कृति का गहना है, इसको हमें
संजो कर रखना है.
उन्होंने कहा कि इस बार बस्तर पंडुम 7 श्रेणियों
में मनाया गया है, अगली बार 12 श्रेणियों में मनाएंगे, और देशभर के आदिवासी
यहां पर आएंगे. आयोजन में शामिल सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं. प्रदेश
के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णु देव साय को मंच पर आमंत्रित
करते हुए कहा कि तेंदूपत्ता अब 5500 रुपए पर अब सीधे सरकार खरीदेगी. कोई
दलाल के पास आपको नहीं जाना पड़ेगा. जो लाल आतंक फैलाने वालों के डर से वो
ले जाते थे, विष्णु देव सीधे आपके बैंक अकाउंट में डालने का काम करेंगे.
गृह
मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से मुख्य धारा में जुड़ने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि आप हमारे अपने हैं. कोई भी नक्सली मारा जाता है, तो किसी
को आनंद नहीं होता है. लेकिन इस क्षेत्र को विकास चाहिए. जो पचास साल में
विकास नहीं हुआ वह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन पांच साल में इस
बस्तर को सबकुछ देना चाहते हैं. लेकिन यह तभी हो सकता है, जब बस्तर के अंदर
शांति हो. बच्चे स्कूल जाएं. माताओं की स्वास्थ्य की चिंता हो. आदिवासी
युवा कुपोषण से पीड़ित न हो, पढ़ाई-लिखाई से वंचित न हो, तहसील में छोटी से
अस्पताल हो. जिला केंद्र में हर रोग का इलाज हो. और हर घर में सात किलो
चावल मुफ्त में पहुंचे.
अमित शाह ने कहा कि बस्तर में तभी शांति आ
सकती है, वो तभी हो सकता है, जब बस्तर के लोग तय करें कि हर गांव को नक्सल
मुक्त कराएं. विष्णु देव और विजय शर्मा ने घोषणा किया है, जो गांव हर
नक्सली को सरेंडर कराएगा, उस गांव को नक्सल मुक्त घोषित कर एक करोड़ रुपए
का राशि देंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि ये जो दुष्प्रचार करते हैं कि
हमारे युवाओं को मारते हैं. किसी को कोई मारना नहीं चाहता. कितने भी काम
किए हो हथियार डाल दो, मुख्य धारा में आ जाओ. आपका पूरा संरक्षण भारत सरकार
और छत्तीसगढ़ सरकार करेगी. लेकिन अब आप हथियार उठाकर, पूरे बस्तर को बैन
कर आदिवासियों का विकास नहीं रोक सकते. हथियार डालकर शरण में आ जाइए. आप भी
विकास की प्रक्रिया में भागीदार बनिए.
75 साल हो गए थे, कोई
आदिवासी देश का राष्ट्रपति नहीं बना था. नरेंद्र मोदी ने ओडिशा की गरीब
आदिवासी बेटी द्रोपदी मुर्मू को महामहिम द्रोपदी मुर्मू बनाने का काम किया.
आज वे राष्ट्रपति भवन में शोभायमान हैं. अगली बार जब बस्तर पंडुम मनाया
जाएगा, मैं और विष्णु देव जी विनती करना चाहता हूं कि राष्ट्रपति महोदया
आएं, और शोभा बढ़ाएं.
गृह मंत्री ने कहा कि आज जब हम नक्सलवाद के
खिलाफ हम दोनों तरह से आगे बढ़ रहे हैं. जो समझ गए हैं कि अब विकास के लिए
हाथ में बंदूक की जरूरत नहीं है, अब कंप्यूटर की जरूरत है. विकास के लिए
हाथ में आईईडी और हथगोला नहीं चाहिए, कलम चाहिए, वे सभी सरेंडर हो गए हैं.
2025 के चौथे महीने के दौरान 521 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. 2024 में 881
नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. और मैं आपको विश्वास दिलाया हूं, जो सरेंडर
होंगे, वे मेन स्ट्रीम में आएंगे. जो हथियार ले आएंगे, उनके खिलाफ
सुरक्षाकर्मी मोर्चा संभालेंगे. जो भी होगा, अगले साल मार्च तक पूरे देश को
इस लाल आतंक से मुक्त करने का काम भाजपा की सरकार करेगी.
बस्तर अब
भय का नहीं भविष्य का पर्याय बनेगा. मैं पहले भी आया था, सभाएं करने के
लिए, लेकिन रोक लिया जाता था. मुख्यमंत्री कहते थे आप मत जाइए. आज धड़ल्ले
के साथ 50 हजार आदिवासियों के सामने राम नवमीं और अष्टमी का उत्सव मना रहे
हैं. बस्तर पंडुम में हम सब शामिल हो रहे हैं. यह शुरुआत हुई है यह हमारे
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने बहुत परिश्रम कर विकास लाने का प्रयास
किया है. यहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां मशीनों की आवाज आती है. जहां
गांव विरान थे, वहां स्कूलों की घंटियां बज रही है. सड़क जहां स्वप्न था,
वहां राजमार्ग बन रहे हैं. जहां बच्चा स्कूल जाने से डरता था, वहां
कंप्यूटर पर बच्चा पूरे विश्व के साथ बात कर रहा है. बस्तर का यह विकास
इसलिए है, क्योंकि अब कोई नक्सलवाद के साथ कोई जुड़ता नहीं है.
विकास,
विश्वास और विजय की लौ के साथ हमारा बस्तर आगे बढ़ रहा है. आज मैं सभी से
अपील कर रहा हूं एक गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपए मिलेगा. गांव में
सबके आधार कार्ड बनेंगे, सबके राशन कार्ड बनेंगे. हर गांव में छोटा दवाखाना
होगा, स्कूल होगी. मेरी विनती है कि जितने भी मिलिशिया आपके गांव में हैं,
गांव में सभा कर सरेंडर की प्रक्रिया में डाल दिजिए, हमारा विकास का
रास्ता खुल जाएगा.
विकास का मतलब है सुकमा कोई सब इंस्पेक्टर बन
जाए, बस्तर से बैरिस्टर बने, दंतेवाड़ा से डाक्टर बने, कांकेर से कलेक्टर
बने. ऐसे बस्तर का हमें विकास करना है, निर्माण करना है. सपने सच होते हैं,
इसी जीवन में होते हैं, अगर हम इसके लिए निष्ठापूर्वक काम करते हैं. और
आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है. मैं आज मंच से कहकर जाता हूं आपकी
पूरी सुरक्षा भाजपा की डबल इंजन की सरकार करेगी. मोदी जी के राज में किसी
को डरने की जरूरत नहीं है. मेरा पुन: निवेदन है कि हर गांव को नक्सलमुक्त
करने का काम करें.
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